झूठे धारा 376 के आरोप में बचाव के उपाय है

- धारा 376 का झूठा केस दर्ज किया जाएगा या फिर बलात्कार का झूठा आरोप लगाया जाएगा तो ऐसी स्थिति में आप पहले से ही अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट में याचिका दे सकते हैं ताकि आपकी गिरफ्तारी ना हो और पुलिस आपको हिरासत में लेकर परेशान न करे.
- धारा 482 के तहत आवेदन कर सकते हैं यानि की CrPC धारा का प्रयोग कर सकते हैं इससे यह होगा की FIR में लगी अपराधिक कार्यवाही को ख़ारिज किया जा सके इसके लिए आरोपी को एक काम करना होगा उसे साबित करना होगा की उसने यह गुना नहीं किया हैं तथा आरोपी के पास सबूत है तो पेश करने होगे
- धारा 376 का झूठा केस दर्ज किया गया तो आपको पता करना है कि महिला ने FIR में आपके उपर शारीरिक शोषण होना ही बताया है बचाव के उपाय है जैसे दिनांक, समय, स्थान नहीं दिया है तो केस में बचा जा सकता है
- महिला के बयान धारा 164 CrPC के तहत मजिस्ट्रेट के सामने होते है अगर महिला अपने बयान में मजिस्ट्रेट के सामने ओरल बयान देती है जोकि उसने FIR में बयान दिया था वो मिसमैच हो जाते है तो वहा पर झूठा केस बन जाता है झूठे धारा 376 के आरोप में बचाव के उपाय है
- महिला का शारीरिक शोषण का मेडिकल पुलिस ने करा है या नहीं अगर कराया है मेडिकल रिपोर्ट में जाँच कर ले कि क्या आया है मेडिकल की जाँच महिला से सम्बन्द 72 घंटे के अंदर -2 की जाती है अगर देर से करायी है तो मेडिकल में कुछ नहीं आता वहा पर झूठा केस बन जाता है झूठे धारा 376 के आरोप में बचाव के उपाय है
डीएनए टेस्ट कितने दिन में होना चाहिए
- डी.एन.ए. टेस्ट पुलिस के द्वारा की जाती है डी.एन.ए. टेस्ट से पिछले छ: माह का सम्बन्द का पता चल जाता है अगर आपने उससे पिछले छ: महीने में सम्बन्द बनाया है यदि आपने सम्बंद नहीं बनाया या छ: महीने से पहले बने थे और छ: महीने से ज्यादा समय हो गया है या आपसी सहमती से बने थे तब भी रिपोर्ट में कुछ नहीं आयेगा वहा पर झूठा केस बन जाता है झूठे धारा 376 के आरोप में बचाव के उपाय है
- महिला का शारीरिक शोषण की घटना के समय महिला के पहने गए कपडे और लड़के के पहने गए कपडे पुलिस कस्टडी में लिए जाते है और उनको जाँच के लिए भेजा जाता है और लैब से उनकी जाँच करवाई जाती है सैंपल से उनका मिलान करवा जाता है लेकिन जहा पर मामला बहुत पहले का है वहा पर कोई जाँच नहीं होती झूठे धारा 376 के आरोप में बचाव के उपाय है